बुधवार, 20 जनवरी 2010

न जा कहीं ......

एक पल के लिए हम मिले थे यहाँ.......दूजे पल में कियूं जुदा हो गए.......कियूं जुदा हो गए......
इस ज़मीन और आसमान के बीच दो पंछी न जाने कहाँ खो गए......... कहाँ खो गए...........
मेरी आहों में तेरी साँसे बसी, तेरी खुशबु में है छुपी मेरी आरजू......
जाने कियूं तू मुझसे खफा हो गया.....जाने कियूं तू मुझे तनहा छोड़ गया....... छोड़ गया..........
क्या तुझे अब मुझ पर यकीन न रहा क्या तेरा अब मुझसे कोई वास्ता न रहा...... न रहा
ऐ खुदा मुझे दे दे अपनी पनाह.......जीना नही मुझे अब उसके बिना.......उसके बिना.........

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